Wednesday, 18 January 2017

खुद - खुदा

*खुद में तेरे ही..खुदा हैं बंदे...*
*पर तु खुदको, खुदा ना समझ..*
*खुद ही को मानता हैं तु अलग..*
*खुदसे खुदही  पर्दा ये,नासमझ*

सहज लिखित..
😇
*डाॅ. शैलेशकुमार सहजयोगी* 🌎

रूह  पर  दाग़  आ जाता  है
जब  *दिलों* में  *दिमाग़*  आ जाता  है..
दिल से सुकुन तभी निकल जाता हैं,
जब "उसूलों" से ज्यादा "ख्वाब" छा जाता हैं !

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