*खुद में तेरे ही..खुदा हैं बंदे...*
*पर तु खुदको, खुदा ना समझ..*
*खुद ही को मानता हैं तु अलग..*
*खुदसे खुदही पर्दा ये,नासमझ*
सहज लिखित..
😇
*डाॅ. शैलेशकुमार सहजयोगी* 🌎
रूह पर दाग़ आ जाता है
जब *दिलों* में *दिमाग़* आ जाता है..
दिल से सुकुन तभी निकल जाता हैं,
जब "उसूलों" से ज्यादा "ख्वाब" छा जाता हैं !
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