*अस्तित्व*
तुझे अस्तित्व म्हणजे तू असणे नव्हे
तर तुझे माझ्यात जाणवणे आहे
तुझ्या विचारांना कार्याला पसरवताना
तुझ्या संवेदनेने ही भारावने आहे
.माँ.💞 *we are ur reflection*
सहज लिखीत...
DR. शैलेशकुमार sahajayogi😇
*अस्तित्व*
तुझे अस्तित्व म्हणजे तू असणे नव्हे
तर तुझे माझ्यात जाणवणे आहे
तुझ्या विचारांना कार्याला पसरवताना
तुझ्या संवेदनेने ही भारावने आहे
.माँ.💞 *we are ur reflection*
सहज लिखीत...
DR. शैलेशकुमार sahajayogi😇
*खुद में तेरे ही..खुदा हैं बंदे...*
*पर तु खुदको, खुदा ना समझ..*
*खुद ही को मानता हैं तु अलग..*
*खुदसे खुदही पर्दा ये,नासमझ*
सहज लिखित..
😇
*डाॅ. शैलेशकुमार सहजयोगी* 🌎
रूह पर दाग़ आ जाता है
जब *दिलों* में *दिमाग़* आ जाता है..
दिल से सुकुन तभी निकल जाता हैं,
जब "उसूलों" से ज्यादा "ख्वाब" छा जाता हैं !
आयुष्यात जगावे कसे आणि कोणत्या संकटात कसे उत्तर शोधावे या सर्व गोष्टी आपल्याला आपल्या बालपणीच शिकवल्या जातात.. घरी त्याचा सराव करून घेतला जातो.. शाळेत त्याची परिक्षा घेतली जाते..
आणि तरीही जर मोठा झाल्यावर मी अडकत असेन वा गोंधळत असेन तर त्याचे कारण त्या शिकवणींना विसरणे हे असेल किंवा त्याचा वापर न करणे हेच असु शकेल...
... डाॅ. शैलेश कुमार सहजयोगी यांच्या
सहज परिवर्तन या पुस्तकातून...
*40 वर्ष से अधिक उम्र वाले इस सन्देश को सावधानी पूर्वक पढ़ें*, क्योंकि यह उनके आने वाले जीवन के लिए अत्यन्त ही महत्व पूर्ण :
*सुखमय निर्भरता*
*1* 🏠 *अपने स्वयं के स्थायी स्थान पर रहें लेकिन खुब यात्राएं करे ताकि स्वतंत्र जीवन जीने का आनंद ले सकें!*
*2*💵 *अपना बैंक बेलेंस और भौतिक संपत्ति अपने पास रखें!लेकीन वसियत जरूर बनवाए अति प्रेम में पड़कर किसी के नाम तुरंत करने की ना सोचें।*
*3* *अपने बच्चों के इस वादे पर निर्भर ना रहें कि वो वृद्धावस्था में आपकी सेवा करेंगे, क्योंकि समय बदलने के साथ उनकी प्राथमिकता भी बदल जाती है और कभी कभी चाहते हुए भी वे कुछ नहीं कर पाते* 👬
*4*👥 *उन लोगों को अपने मित्र समूह में शामिल रखें जो आपके जीवन को प्रसन्न देखना चाहते हैं , यानी सच्चे हितैषी हों।और अहितैषी से जरूर बचे. रिश्ते ज्यादा नहीं अच्छे होना जरूरी है* 🙏
*5* 🙌 *किसी के साथ अपनी तुलना ना करें और ना ही किसी से कोई उम्मीद रखकर खुले दिलसे मदद करे.. ना ही किसीके उपर रोब जमाए*
*6* 👫 *अपनी संतानों के जीवन में दखल अन्दाजी ना करें, और न उन्हें करने दे, उन्हें अपने तरीके से अपना जीवन जीने दें और आप अपने तरीके से अपना जीवन जीएँ!*
*7* 👳 *अपनी वृद्धावस्था को आधार बनाकर किसी से सेवा करवाने, सम्मान पाने का प्रयास कभी ना करें।जितना हो सके खुद के काम खुद करने की आदत डाले*
*8* 🖐 *लोगों की बातें सुनें लेकिन अपने स्वतंत्र विचारों के आधार पर निर्णय लें।आप मे उम्र के साथ समझौता आना भी जरूरी है*
*9*👏 *प्रार्थना करें लेकिन भीख ना मांगे, ना अपनोसे... यहाँ तक कि भगवान से भी नहीं। अगर भगवान से कुछ मांगे तो सिर्फ माफ़ी और हिम्मत!*
*10* 💪 *अपने स्वास्थ्य का स्वयं ध्यान रखें, चिकित्सीय परीक्षण के अलावा अपने आर्थिक सामर्थ्य अनुसार अच्छा पौष्टिक भोजन खाएं और यथा सम्भव अपना काम अपने हाथों से करें! छोटे कष्टों पर ध्यान ना दें, उम्र के साथ छोटी मोटी शारीरिक परेशानीयां चलती रहती हैं।*
*11* 😎 *अपने जीवन को उल्लास से जीने का प्रयत्न करें खुद प्रसन्न रहने की चेष्टा करें और दूसरों को प्रसन्न रखें।खुदपे हसे और दुसरों को खुब हसाए*
*12* 💏 *प्रति वर्ष अपने जीवन साथी केे साथ नये जगह भ्रमण/ छोटी यात्रा पर एक या अधिक बार अवश्य जाएं, इससे आपका जीने का नजरिया बदलेगा!*
*13* 😖 *किसी भी टकराव को टालें, मौन के सामर्थ्य को पहचाने एवं तनाव रहित जीवन जिऐं!*
*14* 😫 *जीवन में स्थायी कुछ भी नहीं है चिंताएं भी नहीं इस बात का विश्वास करें !हर दिन नये तरिके से जिये*
*15* 😃 *अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को रिटायरमेंट तक पूरा कर लें, याद रखें जब तक आप अपने लिए जीना शुरू नहीं करते हैं तब तक आप जीवित नहीं हैं!*
😀 *खुशनुमा जीवन की शुभकामनाओं के साथ आपका सलाहकार डॉ. शैलेश कुमार सहजयोगी*😇🤔😇